स्टाइरीन(C8H8) गैस क्या है?
स्टाइरीन एक रासायनिक यौगिक है जिसे न्यूरो-टॉक्सिन्स के रूप में जाना जाता है। इसे विनाइल बेंजीन, एथीनाइल बेंजीन और फिनाइलएथीन के नाम से भी जाना जाता है। स्टाइरीन गैस रंगहीन और गंधहीन होती है। यह गैस बहुत तेज़ी से हवा में फैलती है। स्टीरीन गैस का रासायनिक सूत्र C6H5CH = CH2 है।
स्टाइरीन गैस का उपयोग आम तौर पर पंखे की ब्लेड और अन्य कटलरी बनाने में किया जाता है। इसका उपयोग कंटेनर बनाने में भी किया जाता है जहां कॉस्मेटिक उत्पादों को भंडारित किया जाता है।
स्टाइरीन गैस का स्वास्थ्य पर प्रभाव
- स्टाइरीन गैस श्वसन प्रणाली को प्रभावित करती है।
- यह छाती की तकलीफ, हांफने और घरघराहट का कारण बनती है।
- इसके कारण धीरे-धीरे फेफड़ों की मांसपेशियां पक्षाघात का शिकार हो जाती हैं।
- इससे ऑक्सीजन की कमी से मौत हो सकती है। स्टीरीन गैस के 10 मिनट तक के निरंतर संपर्क में रहने से मृत्यु हो सकती है।
स्टाइरीन गैस त्रासदी (Styrene Gas Tragedy)
आंध्र प्रदेश के विशाखापट्टनम में स्थित एलजी पॉलिमर प्लांट से स्टीरीन गैस रिसाव की दुर्घटना सामने आई है। ये प्लांट विशाखापट्टनम के तटीय शहरी इलाके से लगभग 15 किमी दूर स्थित है। रिसाव का कारण स्टोरेज टैंक के अंदर तापमान में हुए परिवर्तन को बताया जा रहा है। इस रिसाव के कारण लगभग 5 गाँव प्रभावित हुए। गैस के 3 किमी के दायरे में फैलने की वजह से 5 गांवों और लगभग 3000 से अधिक लोग प्रभावित हुए है। सूत्रों के अनुसार, 7 मई, 2020 गुरुवार की सुबह करीब 2 बजे गैस रिसाव हुआ, जिसके बाद यह संयंत्र के पास स्थित आरआर वेंकटपुरम के आसपास के लगभग 5 गांवों में फैल गई है।
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