इतिहास (History) Manish KRK Rawat
Mob. No. 8853396301
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आद्य-ऐतिहासिक काल (Proto-History Period)
उस समय का इतिहास जो ऐतिहासिक काल के पहले का है तथा जब लिपि व अक्षर उस समय के लोगो को ज्ञात थे लेकिन हम लोग उसे पढ़ नहीं पाए, आद्य-ऐतिहासिक काल के अंतर्गत आता है। इसमें सिंधु सभ्यता व वैदिक संस्कृति को रखा जाता है।
सिंधु सभ्यता या हड़प्पा सभ्यता (Indus/Harappan Civilization)
- नामकरण :- सिंधु घाटी सभ्यता, सरस्वती सभ्यता, कांस्य युगीन सभ्यता, हड़प्पा सभ्यता आदि। सर्वाधिक उपयुक्त-हड़प्पा सभ्यता, क्यूंकि पुरातत्व की परंपरा के अनुसार पहले खोजे गए स्थान के नाम पर नामकरण।
- पहली भारतीय उप महाद्वीप में पहली व्यवस्थित सभ्यता।
- प्रथम नगरीय क्रांति।
- सर्वप्रथम चार्ल्स मैसन ने 1826 में हड़प्पा स्थल पर एक प्राचीन सभ्यता के मिलने की बात की थी।
- लिपि :-
-
२) लगभग 400 से 500 संकेत प्राप्त,३) अधिकांश संकेत मुहरों पर प्राप्त हुए, कुछ मृदभांड मनके, तथा ईंटो पर४) लिपि को बाउस्ट्रोफीडेन कहते हैं, यह दाएं से बाएं तथा बाएं से दाएं लिखी जाती है।
- समकालीन सभ्यताएं:-१) ह्वांगहो नदी घाटी सभ्यता (चीन की सभ्यता)२) दजला फरात नदी घाटी सभ्यता (मेसोपोटामिया या सुमेरियन सभ्यता)३) नील नदी सभ्यता (मिश्र की सभ्यता)
- हड़प्पा उपरोक्त से अधिक विकसित थी
- इस समय कांस्य के औजारों का प्रयोग हुआ
- हड़प्पा सभ्यता का समय :-१) कार्बन डेटिंग - 2350 BC to 1750 BC२) मार्टीमर व्हीलर - 2500 BC to 1500 BC3) डी पी अग्रवाल - 2300 BC to 1750 BC
मेसोपोटामिया तथा हडप्पा सभ्यता में अंतर (Difference between Mesopotamia and Harappan Civilization)
- मेसोपोटामिया की लिपि कीलनुमा है जबकि हड़प्पा की भावचित्रात्मक।
- मेसोपोटामिया के नगर काम विकसित थे जबकि हड़प्पा के अधिक।
- मेसोपोटामिया में कच्ची ईंटों का प्रयोग होता था जबकि हड़प्पा में पक्की ईंटो का।
- मेसोपोटामिया में मंदिरों पूजा भवनों के साक्ष्य प्राप्त हुए जबकि हड़प्पा में नहीं।
- मेसोपोटामिया की लिपि क्यूनीफॉर्म थी जबकि हड़प्पा की बाउस्ट्रोफीडेन।
- मेसोपोटामिया की मुहरें बेलनाकार जबकि हड़प्पा की चौकोर थी।
हड़प्पा सभ्यता का भौगोलिक विस्तार (Geographical extension of Harappa)
- भारतीय उप महाद्वीप के उत्तर-पश्चिम में विस्तृत।
- अब तक लगभग १४०० स्थल खोजे जा चुके हैं।
- समकालीन सभ्यताओं में सबसे बड़ा।
- उत्तरतम स्थल - मांडा (चिनाव नदी के किनारे अखनूर, जम्मू-कश्मीर में है)
- दक्षिणतम स्थल - दैमाबाद (प्रवरा नदी के किनारे अहमद नगर, महाराष्ट्र)
- पूर्वतम स्थल - आलमगीरपुर (हिंडन नदी के किनारे मेरठ, उत्तर प्रदेश)
- पश्चिमी स्थल - सुतकाजेंडोर (दाश्क नदी के किनारे बलुस्चिस्तान, पाकिस्तान)
- सबसे बड़ा नगर - मोहनजोदड़ो
- दूसरा सबसे बड़ा नगर - हड़प्पा
- नवीनतम खोजों के अनुसार भारत में सबसे बड़ा स्थल - राखीगढ़ी (इसके पूर्व धौलावीरा माना जाता था।
हड़प्पा सभ्यता के प्रमुख नगर (Important cities of Harappa)
हड़प्पा (Harappa)
- खोज - 1921 ई०, दयाराम साहनी द्वारा
- वर्तमान साहीवाल जिला, पंजाब, पाकिस्तान
- रावी नदी के तट पर
- हड़प्पा सभ्यता का खोजा गया पहला नगर
- क्षेत्रफल की दृष्टि से दूसरा बड़ा नगर
- कब्रिस्तान R37 के साक्ष्य
- एक मूर्ति में स्त्री के गर्भ से पौधे निकलते हुए
- कांस्य की गाडी
मोहनजोदड़ो (Mohanjodaro)
- खोज - 1922, राखालदास बनर्जी द्वारा
- वर्तमान स्थिति - लरकाना जिला, सिंध प्रान्त, पाकिस्तान
- अर्थ - मृतको का टीला
- सिन्धु नदी के किनारे
- क्षेत्रफल की दृष्टी से सबसे बड़ा नगर
- विशाल स्नानागार के साक्ष्य (11.88X7.01X2.43 घन मीटर)
- कांस्य की नृत्यांगना मूर्ति
- एक सिंघी पशुओ की मुद्राएँ
- एक मुहर पर स्वास्तिक का चिन्ह
- पशुपति शिव की मुहर - इसके बाएं में भैंसा व गैंडा, दायें में बाघ व हाथी और नीचे हिरण है |
धौलावीरा (Dhaulaveera)
- भारत का सबसे बड़ा स्थल
- वर्तमान गुजरात के कक्ष जिले में
- अर्थ - वीरो का कुवां
- खोज - 1985 में आर. एस. बिष्ट द्वारा
- नगर तीन भागों में बंटा था
चन्हूदड़ो (Chanhundaro)
- सिन्धु नदी के किनारे (पाकिस्तान में)
- लिपस्टिक, काजल, पाउडर एवं कंघे के साक्ष्य
- बिल्ली का पीछा करते हुए कुत्ते का साक्ष्य
- मनका कारखाना का साक्ष्य
- कांस्य की गाड़ी
- व्रक्राकर ईंटें
कालीबंगा (Kaalibangan)
- अर्थ - काले रंग की चूड़ियां
- खोज - अमलानंद घोष द्वारा
- घग्घर नदी के किनारे, हनुमान गढ़, राजस्थान
- भूकंप के साक्ष्य
- जुते खेत के प्रमाण
लोथल (Lothal)
- भोगवा नदी के किनारे
- वर्तमान गुजरात में
- अर्थ - मृतकों का टीला (गुजराती में)
- तीन युगल समाधियों के साक्ष्य
- हड़प्पा का बंदरगाह
- चावल के साक्ष्य
- अग्निवेदिकायों के साक्ष्य
- चालाक लोमड़ी का एक मटके में अंकन
- नागों के साथ शिवलिंग का साक्ष्य
रंगपुर (Rangpur)
- वर्तमान अहमदाबाद, गुजरात में
- धान की भूसी के साक्ष्य
रोपड़ (Ropad)
- मानव के साथ कुत्ते के दफ़नाने का साक्ष्य
बनावली (Banawali)
- मकानों में अग्निवेधिकाओं के साक्ष्य
- मिटटी का हल
सुरकोतदा (Surkotda)
- घोड़े की हड्डी के साक्ष्य
- तराजू का पलड़ा
हड़प्पा सभ्यता के उद्योग व व्यापार (Industries and trade of Harappan)
- मापक सोलह के गुणक में थे
- सबसे प्रमुख उद्योग सूती वस्त्र उद्योग
- वस्तु विनिमय (Barter System) था
- मुहर की छाप लगाने की प्रथा थी
- स्थल व जल दोनों मार्गो से व्यापार होता था
- सबसे ज्यादा व्यापार मेसोपोटामिया से होता था
- मेसोपोटामिया के राजा सारगौन के अभिलेख में मेलुहा शब्द मिलता है, जो सिन्धु सभ्यता का ही नाम था | दिलमुन और माकन मध्य स्थलों का जिक्र मिलता है | दिलमुन फारस की खाड़ी में पड़ता था |
- उर व किश (मेसोपोटामिया) से हड़प्पा की मुहरें प्राप्त हुयी |
- सूती वस्त्र तथा हाथी दांत का निर्यात
- अफगानिस्तान व ईराक से टिन का आयात
- खेतड़ी, राजस्थान से तांबे का आयात
- कोलार से सोने का आयात
- बलूचिस्तान, पाकिस्तान से सेलखड़ी का आयात
- बदकसा से चांदी, टिन व लाजवर्द का आयात
हड़प्पा सभ्यता का आर्थिक जीवन (Economy of Harappan)
कृषि -
- मुख्यत: रवी की फसल,
- बनावली से हल का साक्ष्य,
- कालीबंगा से जुते खेत का साक्ष्य,
- मुख्य फसलें गेहूं, जौ, राई, मटर, कपास (सिन्डन), चावल आदि |
पशुपालन
- सबसे प्रिय पशु - कूबड़ वाला बैल
- हाथी, घोड़े से परिचित थे परन्तु पालते नहीं थे
- बन्दर, भालू, खरहा आदि को भी जानते थे
- आमरी से गैंडा के साक्ष्य
सामाजिक जीवन (Harappan Society)
- समाज मात्र सत्तात्मक था
- सती प्रथा संभवतः थी (लोथल से तीन, कालीबंगा से एक युगल शावाधान)
- सौन्दर्य प्रसाधन प्रचलित था (श्रृंगारदान हड़प्पा से, लिपिस्टिक चहुन्दडो से, सिंदूर नौसारी से प्राप्त)
- इंडोर गेम चेस खेलते थे
- समाज संभवतः तीन वर्गों में बंटा था - उच्च, मध्यम व निम्न
- अंतिम संस्कार की तीन प्रथाएं प्रचलित थी - दाह संस्कार, पूर्ण समाधि, आंशिक समाधि
राजनैतिक स्थिति (Harappan Polity)
- ए. एल. बासम के अनुसार - पुरोहित वर्ग का शासन था
- आर. एस. शर्मा के अनुसार - व्यापारिक वर्ग का शासन था
- हंटर व मैके के अनुसार - लोकतांत्रिक शासन था
- स्टुवर्ट पिगाट के अनुसार - हड़प्पा एक बड़े साम्राज्य की तरह था, जिसकी दो राजधानियां हड़प्पा व मोहनजोदड़ो थी (राजतंत्र)
हड़प्पा का पतन (संभावित कारण) (Disintegration of Harappa)
- मार्टिन वीलर के अनुसार - आर्यों का आक्रमण
- फेयर सर्विस के अनुसार - पारिस्थितिकी विक्षोभ
- मैके व लैम्ब्रिक के अनुसार - नदी धारा में परिवर्तन
- राईक्स व डेल्स के अनुसार - बाढ़
- कैनेडी के अनुसार - मलेरिया
- जॉन मार्शल के अनुसार - भूकंप
"नोट : सबसे कमजोर कारण - आर्यों का आक्रमण(मोहनजोदड़ो से मात्र 38 नरकंकाल वो भी अलग-अलग समय के), सबसे मजबूत कारण - बाढ़ (मोहनजोदड़ो के सात स्तर बाढ़ के कारण बने)"
फेयर सर्विस की पुस्तक 'The Root Of Ancient India'
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ReplyDeleteसर ऐतिहासिक काल की और दिखाइए please
ReplyDeleteJi aap is website ko subscribe kar lijiye, jaldi hi post kiya jayega
ReplyDeleteOkk
Deleteजबर्दस्त
ReplyDeletethanks for your comment
DeleteNice
ReplyDeleteThanks and that i have a swell offer you: What House Renovations Can You Claim On Tax home remodeling contractors
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