यजुर्वेद (Yajurved) का संक्षिप्त परिचय - Gyaan Booster - Free Online Education

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Thursday, December 21, 2017

यजुर्वेद (Yajurved) का संक्षिप्त परिचय

यजुर्वेद (Yajurved)

  • यजु का अर्थ होता हैं यज्ञ।
  • यह गद्य, काव्य दोनों में है।
  • इसके दो भाग हैं -
    ) शुक्ल यजुर्वेद या वाजसनेयी संहिता,
    ) कृष्णा यजुर्वेद।
  • इसका उपवेद धनुर्वेद है।
  • इसके ब्राह्मण शतपथ, तैतरीय।
  • इसके आरण्यक शतपथ, तैतरीय, वृहदारण्यक।
  • इसके अध्येता को अध्वर्यु कहते हैं।
  • इसके उपनिषद तैतरीय, वृहदारण्यक, कठोपनिषद, श्वेताश्वर उपनिषद, मैत्रायण उपनिषद, महानारायण।
  • वृहदारण्यक उपनिषद सबसे बड़ा उपनिषद है।
  • यम-नचिकेता संवाद कठोपनिषद में है।
  • गार्गी-याज्ञवल्क्य संवाद वृहदारण्यक में है।
  • भक्ति शब्द का पहला उल्लेख श्वेताश्वर उपनिषद में है।

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